परम वीर चक्र कांसे का बना एक गोलाकार पदक है जिसमें सामने ऋषि दधीचि द्वारा प्रदान अपनी हड्डियों से बने इन्द्र के वज्र के चार निशान होते हैं और बीच में राष्ट्रीय चिन्ह अशोक स्तंभ और सत्य मेव जयते लिखा है।
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परम वीर चक्र कांसे का बना एक गोलाकार पदक है जिसमें सामने ऋषि दधीचि द्वारा प्रदान अपनी हड्डियों से बने इन्द्र के वज्र के चार निशान होते हैं और बीच में राष्ट्रीय चिन्ह अशोक स्तंभ और सत्य मेव जयते लिखा है।
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घड़ी तीन मुख्य पुर्जां से बनी हुई हैं-खगोलीय अंकपट्ट, आकाष में सूर्य और चन्द्रमा की स्थिति का वर्णन करना और विभिन्न खगोलीय जानकारी प्रदर्षित करना, ' प्रचारकों की चाल‘ एक यंत्रवत कार्य हर घंटे प्रचारकों के आंकड़ो का प्रदर्षन और अन्य हिलते हुये पुर्जे और एक पंचांग डायल गोलाकार पदक के साथ महिनों को दर्षाता हैं ।